रामनवमी के मौके पर अयोध्या में रामलला का हुआ सूर्यतिलक

अयोध्या में रामनवमी के मौके पर रामलला के सूर्यतिलक का अद्भुत नजारा देखने को मिला, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है, इस मौके पर रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की गई। रामलला के दिव्य सूर्यतिलक का नजारा बेहद मनमोहक लग रहा था। इस मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है, रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक तक आई, इस दौरान 5 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण दिखाई दी।
रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पहुंचाने का शुक्रवार को पूर्वाभ्यास हुआ और ये प्रयोग पूर्ण रूप से सफल रहा था। वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण के बाद यह स्पष्ट कर दिया था कि भगवान रामलला का तिलक सूर्यदेव इस बार ही रामनवमी के मौके पर करेंगे। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा, लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरण को शुक्रवार को भगवान रामलला के मस्तक तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी, कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे, त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है, जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।