सरपंच ने हिंद एनर्जी एंड कोलवासरी की जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग की है।

मस्तुरी, 05 मार्च 2024
📍हिंद कोलवासरी की वजह से ग्राम कर्रा, लिमतरा, खैरा जयरामनगर व गतोरा में प्रदूषण से फैल रही गंभीर बीमारी।
📍क्षेत्र में कोल डस्ट से हो रही समस्या व मानव जीवन प्रभावित होने को लेकर जताई चिंता और पानी समस्याएं।
हिंद एनर्जी एंड कोलवासरी की प्रभावित गांव कर्रा में आगामी कल 6 मार्च को आयोजित जनसुनवाई को निरस्त करने को लेकर पाराघाट सरपंच श्री प्रदीप सोनी ने पत्र लिखकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मस्तूरी को जनसुनवाई निरस्त करने की मांग की है।
कोलवासरी के प्रदूषण से क्षेत्र में समस्याओं को लेकर चिंता जाहिर करते हुए, कोलवासरी की विस्तार जनसुनवाई को स्थगित करने की मांग की है।
सरपंच श्री प्रदीप सोनी ने बताया कि हिंद कोलवासरी से ग्राम खैरा जयरामनगर, गतोरा में स्थापित की गई है, उस कोलवासरी के समीप अधिक घनी आबादी होने के कारण वहा के रहवासी कोल डस्ट के कारण दमा, खासी, आंखों में जलन की समस्या सहित कई संबधित बीमारियों का शिकार हो रहे है, कोलवासरी के कारण कृषि उपजाऊ पूरी तरह समाप्त हो गई है, एवं मानव जीवन को देखते हुए यूनिट का विस्तार न किया जाए, ये स्वास्थ व पर्यावरण की दृष्टि से उचित नहीं है।
ग्राम खैरा जयरामनगर एवं गतौरा से लगे हुए ग्राम पंचायत खुडुभाठा , पाराघाट, भनेसर भदौरा, मस्तूरी , किरारी, दर्रीघाट, लावर, लिमतरा, भिलाई, हरदाडीह, रलिया, हिन्द कोलवासरी से 10 कि.मी. की वायु सीमा की परिधी में आते है। नियमतः इस पंचायतों को ईआईए रिपोर्ट अवलोकन हेतु दिया जाना था। परन्तु पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदान नहीं किया गया है जिस कारण इन ग्राम पंचायतो द्वारा विधि समंत जन सुनवाई को निरस्त करने की कलेक्टर महोदय से अनुरोध किया जाता है।
सन् 2004 में जे.के. इन्जिनयरिंग कॉलेज की स्थापना हुई थी, शैक्षणिक संस्थान के बगल में कोलवासरी खोलना असंवैधानिक है। संस्थान के द्वारा न्यालालियन कार्यवाही का आदेश प्राप्त हुआ था कोलवासरी को बंद करने का जो आज दिनांक तक संचालित है। कम्पनी के द्वारा जिस कंसल्टेंट कम्पनी के पी आई ए रिपोर्ट बनवायी गयी है वह रिपोर्ट पुरी तरह गलत एंव फर्जी है।
हिन्द कोलवासरी की भूमि का डायवर्सन व्यवसायिक किया गया है डायवर्सन कराते समय कोलवासरी संचालक के द्वारा डायवर्सन शाखा में 40 फिट की रोड बतायी गयी हैं। जबकि यह सडक प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत बनी है। इसकी चौडाई महज 6 मीटर है। गलत जानकारी देकर उक्त भूमि को का डायवर्सन कराया गया है। क्योंकि प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना का भार क्षमता महज 6-12 टन है। कोयला से भरे वाहनो का वजन 80 – 120 टन होता है प्रतिबंधित सडक पर ओवर लोड गाड़ियों का चलाया जाना अवैधानिक है। प्रदिप सोनी ने हिन्द एनर्जी एवं कोलवासरी के प्रदुषण से क्षेत्र में व्यापत समस्याओ को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कोलवासरी के विस्तार की जनसुनवाई को स्थगित करने की मांग किया है।